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भादौ में 27 अगस्त को होगा शनैश्चरी अमावस्या का शुभ योग, इसके बाद 2025 में होगा योग

  • वीरेंद्र सक्सेना
  • 23 अग॰ 2022
  • 2 मिनट पठन

भाद्रपद मास में 27 अगस्त को शनैश्चरी अमावस्या का शुभ संयोग रहेगा। ऐसा 14 साल बाद हो रहा है। अब दो साल बाद ऐसा योग आएगा। यह संयोग इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन शनि अपनी ही राशि मकर में रहेगा।

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पुराणों में शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या को महत्वपूर्ण बताया गया है। स्कंद, पद्म और विष्णुधर्मोत्तारा पुराणों के अनुसार शनैश्चरी अमावस्या के दिन तीर्थ यात्रा या पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है। इस पर्व पर किया गया दान उतना ही पुण्य फल देता है जितना कि अनेक यज्ञों को करने से। इसके साथ ही इस अमावस्या पर किए गए श्राद्ध से पितरों को पूरे वर्ष संतुष्टि मिलती है।


14 साल बाद होगा ऐसा संयोग

पुरी के ज्योतिषी डॉ. गणेश मिश्रा बताते हैं कि जब शनिवार को अमावस्या आती है तो उसे शनिचारी अमावस्या कहा जाता है। 27 अगस्त को भाद्रपद मास में आने वाले वर्ष की अंतिम शनिश्चरी अमावस्या होगी। अमावस्या का शुभ संयोग शनिवार के दिन कम ही बनता है। 14 साल पहले ऐसा संयोग 30 अगस्त 2008 को बना था। जब भ|दौ में शनिचरी अमावस्या थी। अब दो साल बाद यानी 23 अगस्त 2025 को भाद्रपद के महीने में शनिचारी अमावस्या पड़ रही है।


अमावस्या कब तक

भादौ की शनिचरी अमावस्या 26 अगस्त की सुबह करीब 11.20 बजे से शुरू होगी जो शनिवार दोपहर करीब 1.45 बजे तक रहेगी. शास्त्रों में भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को पवित्र नदियों में स्नान और तीर्थों का महत्व बताया गया है। पद्म, मत्स्य और स्कंद पुराणों में अमावस्या तिथि को पर्व कहा गया है। इसलिए इस दिन पवित्र नदियों या तीर्थों के जल में स्नान करने से सभी प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं।


शनि स्वराशी में इतनी खास अमावस्या

शास्त्रों में बताया गया है कि शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या शुभ फल देती है। इस दिन पवित्र स्नान और दान करने से कई गुना पुण्य फल मिलते हैं। अमावस्या भी शनि देव की जन्म तिथि है। इसलिए इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करने से कुंडली में मौजूद शनि दोष समाप्त हो जाते हैं। इस दिन शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत का पालन करना चाहिए और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए। शनिचरी अमावस्या इसलिए खास है क्योंकि शनि अपनी ही राशि यानी मकर राशि में है।

 
 
 

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