रेप केस में राहत के लिए SC पहुंचे शाहनवाज हुसैन, हाईकोर्ट ने दिया था एफआईआर का आदेश
- वीरेंद्र सक्सेना
- 18 अग॰ 2022
- 2 मिनट पठन
रेप मामले में एफआईआर से बचने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को उसके खिलाफ रेप मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

रेप मामले में एफआईआर से बचने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उसके खिलाफ बलात्कार मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था और जांच पूरी करने के लिए तीन महीने की समय सीमा भी तय की थी। शाहनवाज हुसैन अब उस आदेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत पहुंच गए हैं। 2018 रेप केस में हाईकोर्ट के आदेश को शाहनवाज हुसैन के लिए झटका माना जा रहा है. शाहनवाज के वकील ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत किया है।
शाहनवाज हुसैन के वकील ने कहा कि मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए क्योंकि देरी से राजनीतिक नेता की छवि खराब हो सकती है. चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी। शाहनवाज के वकील ने शीर्ष अदालत से कहा, 'मेरे मुवक्किल का 30 साल का सार्वजनिक जीवन है। उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है। अगर इस पर तुरंत सुनवाई नहीं हुई तो पुलिस प्राथमिकी दर्ज करेगी और ऐसे में इस आवेदन का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
' बता दें कि बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें शाहनवाज हुसैन के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि शाहनवाज हुसैन की याचिका में कोई दम नहीं है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है। कोर्ट ने कहा था कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाए और तीन महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाए कि कितनी जांच की गई और क्या पाया गया. न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने अपने आदेश में कहा, ''मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा पारित प्राथमिकी के आदेश में कोई खामी नहीं पाई गई है.'' कोर्ट ने कहा कि पुलिस इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर सीआरपीसी की धारा 173 के तहत रिपोर्ट सौंपे.




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