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IMF की शर्त पूरी करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव, लग्जरी सामान के आयात पर लगी रोक को हटाया

  • वीरेंद्र सक्सेना
  • 19 अग॰ 2022
  • 2 मिनट पठन

पाकिस्तान भी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट के बाद महंगाई अपने चरम परपहुंच गई है. जिसके बाद शाहबाज सरकार ने कई कदम उठाए हैं लेकिन असर अभी नजर नहीं आ रहा है.


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पाकिस्तान ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एक शर्त को पूरा करने के लिए गैर-जरूरी और विलासिता की वस्तुओं के आयात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए राहत पैकेज पर फैसला करने केलिए आईएमएफ इस महीने के अंत में बैठक करने जा रहा है। प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने विदेशी मुद्रामें गिरावट और भुगतान संतुलन बिगड़ने के कारण यह प्रतिबंध लगाया था।


पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रतिबंध हटा लिया जाएगा लेकिन आयात कोमहंगा बनाने के लिए आयातकों पर भारी शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार आयात प्रतिबंध हटा रही है क्योंकि यहएक अंतरराष्ट्रीय आवश्यकता थी लेकिन गैर-जरूरी आयातित सामान पर मौजूदा स्तरों की तुलना में तीन गुना अधिक नियामक शुल्क लगेगा।


वित्त मंत्री ने कहा- पर्याप्त डॉलर नहीं हैं

वित्त मंत्री ने आगे कहा, 'हम इस तरह से भारी शुल्क लगाएंगे कि ऐसी वस्तुओं का आयात (आसानी से) न हो सके... मेरे पासपर्याप्त डॉलर नहीं हैं, इसलिए मैं कपास, खाद्य तेल और गेहूं को प्राथमिकता दूंगा. मुझे आईफोन या कार पसंद नहीं है। मंत्री ने कहा कि इसके बाद भी यदि कोई व्यक्ति ऐसी कार का आयात करना चाहता है जिसकी मूल कीमत 6 करोड़ रुपये है, तोनियामक शुल्क के बाद उसकी लागत 30-40 करोड़ रुपये होगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य न केवल आयात को मंजूरी देना है, बल्कि आईएमएफ और अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करना भी है, साथ ही चालू खाता घाटे को भी नियंत्रित करना है।


 
 
 

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