बहुत कठिन है वचन निभाना, दुर्गम पथ पर चलना भी।-रश्मि लहर
- वीरेंद्र सक्सेना
- 18 अक्तू॰ 2022
- 1 मिनट पठन
भारतवर्ष सदैव ही कला व कलाकारों की जन्मभूमि रहा है. संगीत, नृत्य, काव्य न जाने कितनी अन्य कलाओं में निपुण कलाकारों को इस देश ने प्यार और सम्मान दिया है .अफ्रोएशियाई संदेश का हुनरबाज सेक्शन उन छुपे हुए कलाकारों को समर्पित है जो अपनी कला को विश्व के साथ साझा करना चाहते हैं |

आजकी हमारी कलाकारा हैं रश्मि लहर जी. रश्मि जी लखनऊ की निवासी हैं व काव्य लेखन में उत्कृष्ट एवं सुन्दर रचनाओं की रचेता हैं। रश्मि जी का एक YouTube चैनल 'Aagaaz by Rashmi Leher' के नाम से भी है.
उनके ही द्वारा रचित एक प्यारी रचना है स्पंदित अरदास.
स्पंदित अरदास
ऑंचल के कोने बाँधा जो,
माँ थोड़ा बचपन रख देना।
मन दीपक की लौ कंपे तो ,
प्रेम हथेली से ढक देना।।
बहुत कठिन है वचन निभाना,
दुर्गम पथ पर चलना भी।
माँ तुमसे सीखा है मैंने,
नहीं किसी को छलना भी।
वेद-ऋचा से कण-कण भर लूँ,
माथ-हाथ चंदन रख देना।
कभी भॅंवर सा मिलता जीवन,
कभी नेह-सरि जैसा भी।
आयु बदलती जाती है पर,
सुधियों का घर वैसा ही।
पीड़ाओं से अर्चन कर लूँ,
अधर ईश-वंदन रख देना!
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